यस बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका

भारतीय रिज़र्व बैंक यस बैंक ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. आरबीआई ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि 5 मार्च से अप्रैल 2020 तक ग्राहक 50 हजार से ज्यादा नहीं निकाल सकते हैं. आरबीआई के इस आदेश के बाद देशभर में यस बैंक के एटीएम मशीनों में लंबी कतारें देखी गई. आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को भी निलंबित कर दिया है. हालांकि बैंक को संकट से उबारने के प्रयास किये जा रहे हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार सूत्रों का कहना है कि यस बैंक के पुनर्गठन या विलय पर लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार बातचीत कर रहे हैं.


ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) यस बैंक की मदद कर सकते हैं. इससे पहले एलआईसी आईडीबीआई बैंक को संकट से उबारने के लिए 2018 में उसकी 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीद चुका है. हालांकि सरकार ने सार्वजनिक तौर पर इसकी की घोषणा नहीं की है.


यस बैंक की वित्तीय स्थिति में पिछले कुछ वर्षों में लगातार गिरावट आई है. बैंक पिछली चार तिमाहियों में घाटे में रहा है. बैंक पिछले कई दिनन से शासन के गंभीर मुद्दों पर भी मुश्किलों का सामना कर रहा है. उदाहरण के लिए बैंक ने 2018-19 में 3,277 करोड़ रुपये के एनपीए की रिपोर्ट दर्ज की है.


आरबीआई का कहना है कि बैंक अपनी बैलेंस शीट और लिक्विडिटी को मजबूत करने के तरीके खोजने के लिए बैंक के प्रबंधन के साथ लगातार संपर्क में था. इसमें कहा गया है कि बैंक प्रबंधन ने रिजर्व बैंक को संकेत दिया था कि वह विभिन्न निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा है और इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है